scriptSharir Hi Brahmand Podcast 27 May 2023 Gulab Kothari Article | शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: आसक्ति मुक्त होना ही लीनता | Patrika News

शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: आसक्ति मुक्त होना ही लीनता

locationजयपुरPublished: May 26, 2023 09:34:32 pm

Submitted by:

Patrika Desk

Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: पुरुषार्थ का लक्ष्य लोक संग्रह ही होना चाहिए, यदि आप लोक कल्याण के लिए पैदा हुए हो। सांसारिक भी रहें, और वैराग्य भाव भी बना रहे। नश्वर जीवन के मध्य दृष्टि शाश्वत पर ही बनी रहे। शरीर नश्वर है, आत्मा शाश्वत है। जीना तो मनुष्यों की तरह ही है, किन्तु आसक्ति मुक्त रहकर।... 'शरीर ही ब्रह्माण्ड' शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- आसक्ति मुक्त होना ही लीनता

शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast
Gulab Kothari Article शरीर ही ब्रह्माण्ड: "शरीर स्वयं में ब्रह्माण्ड है। वही ढांचा, वही सब नियम कायदे। जिस प्रकार पंच महाभूतों से, अधिदैव और अध्यात्म से ब्रह्माण्ड बनता है, वही स्वरूप हमारे शरीर का है। भीतर के बड़े आकाश में भिन्न-भिन्न पिण्ड तो हैं ही, अनन्तानन्त कोशिकाएं भी हैं। इन्हीं सूक्ष्म आत्माओं से निर्मित हमारा शरीर है जो बाहर से ठोस दिखाई पड़ता है। भीतर कोशिकाओं का मधुमक्खियों के छत्ते की तरह निर्मित संघटक स्वरूप है। ये कोशिकाएं सभी स्वतंत्र आत्माएं होती हैं।"
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की बहुचर्चित आलेखमाला है - शरीर ही ब्रह्माण्ड। इसमें विभिन्न बिंदुओं/विषयों की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्याख्या प्रस्तुत की जाती है। गुलाब कोठारी को वैदिक अध्ययन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2002 में नीदरलैन्ड के इन्टर्कल्चर विश्वविद्यालय ने फिलोसोफी में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया था। उन्हें 2011 में उनकी पुस्तक मैं ही राधा, मैं ही कृष्ण के लिए मूर्ति देवी पुरस्कार और वर्ष 2009 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से सम्मानित किया गया था। 'शरीर ही ब्रह्माण्ड' शृंखला में प्रकाशित विशेष लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें नीचे दिए लिंक्स पर -
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.