scriptIt is not the right time to cut interest rates | ब्याज दर कटौती के लिए अभी समय उपयुक्त नहीं | Patrika News

ब्याज दर कटौती के लिए अभी समय उपयुक्त नहीं

Published: May 26, 2023 11:12:35 pm

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Patrika Desk

  • अर्थव्यवस्था: मुद्रास्फीति नियंत्रण के अधिक स्थायी संकेतों की प्रतीक्षा करनी चाहिए रिजर्व बैंक को
  • आर्थिक गतिविधियों की बहाली और मुद्रास्फीति पथ पर उभरते ऊपरी जोखिमों की पृष्ठभूमि में आरबीआइ को नीतिगत दरों में कटौती के लिए जल्दबाजी से बचना चाहिए और मुद्रास्फीति नियंत्रण के अधिक स्थायी संकेतों की प्रतीक्षा करनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की द्वितीय शीर्ष अधिकारी गीता गोपीनाथ ने भी मुद्रास्फीति पर नजर रखने की पैरवी की है।

ब्याज दर कटौती के लिए अभी समय उपयुक्त नहीं
ब्याज दर कटौती के लिए अभी समय उपयुक्त नहीं
राधिका पाण्डेय
सीनियर फेलो, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी
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प्रमोद सिन्हा
फेलो, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी
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मुद्रास्फीति में हाल ही आई कमी के चलते दरों में कटौती को लेकर उम्मीद जगी है कि भारतीय रिजर्व बैंक निकट भविष्य में ऐसा कर सकता है। अप्रेल माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) में आने वाले वार्षिक परिवर्तन के आधार पर मापी जाने वाली हैडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 4.7% पर आ गई जो कि मार्च में 5.7% थी। इसी तरह नवंबर 2021 से लेकर अब तक कुल मुद्रास्फीति 5% से नीचे आ गई। खाद्य महंगाई दर भी 3.8% पर आ गई और इन्हीं कारणों से अप्रेल में मूल मुद्रास्फीति घट कर 5.4% रह गई जो पिछले कुछ महीनों से 6% पर थी। बता दें कि हैडलाइन मुद्रास्फीति में खाद्य और ऊर्जा वस्तुएं भी शामिल रहती हैं, जबकि मूल मुद्रास्फीति में इन्हें शामिल नहीं किया जाता। एक ओर जहां सब्जियों, तेलों व वसा की महंगाई में कमी आई है, वहीं अन्य उपघटकों में अप्रेल माह में महंगाई में व्यापक गिरावट देखी गई। अनाज, जो कि बाकी घटकों का 9.67% है, की महंगाई दर में भी गिरावट देखी गई। यह मार्च में 15.27% थी जो अप्रेल में घट कर 13.67% रह गई। सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के कारण गेहूं की कीमतें कम हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं के मूल्य में गिरावट से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआइ) पर आधरित मुद्रास्फीति 33 महीने के न्यूनतम स्तर पर यानी अप्रेल 2023 में 0.9% पाई गई।
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