नई दिल्ली। कोई मेडिकल इमर्जेंसी या फिर सामान के खो जाने पर आपको पूरा खर्चा अपनी जेब से भरना होता है। सिर्फ फैमिली ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में ये सभी रिस्क बेहद कम कॉस्ट में कवर हो जाते हैं। अगर आप भी कहीं जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप भी जल्द ही ट्रैवल इंश्योरेंस ले लें, जिससे कि अगर आपका कोई भी सामान खो जाए या चोरी हो जाए तो आपको नुकसान न उठाना पड़े। इसलिए जरूरी है कि कुछ खास देशों में जाते समय आपके पास यह पॉलिसी हो। ये प्लान्स सिंगल ट्रिप, मल्टीपल ट्रिप या इयर-लॉन्ग ट्रैवल के तौर पर अलग-अलग वेरियंट्स में आते हैं। अगर आपने सिंगल ट्रिप का चुनाव किया है तो बेहतर होगा कि ऐसी अवधि की पॉलिसी चुनें जो ट्रिप के बाद भी बरकरार रहे। यात्रा के दौरान देरी या फिर ट्रिप के एक्सटेंड होने की स्थिति में ऐसी पॉलिसी काम आती है। किसी पॉलिसी को चुनते समय ध्यान रखें कि असल में कितना अमाउंट और कितने लोग कवर हो रहे हैं। पॉलिसी में इमर्जेंसी में अडवांस कैश जैसे फायदे भी शामिल रहते हैं। यह जरूरी है कि पहले से अगर कोई बीमारी है तो उसकी जानकारी पॉलिसी लेते समय ही दे दें। आमतौर पर पहले से मौजूद बीमारियां इस तरह की पॉलिसी में कवर नहीं होती, लेकिन कुछ जीवनघातक बीमारियां पॉलिसी में कवर हो जाती हैं। यह जरूरी है कि पहले से अगर कोई बीमारी है तो उसकी जानकारी पॉलिसी लेते समय ही दे दें। आमतौर पर पहले से मौजूद बीमारियां इस तरह की पॉलिसी में कवर नहीं होती, लेकिन कुछ जीवनघातक बीमारियां पॉलिसी में कवर हो जाती हैं। कवरेज और क्लेम लिमिट के साथ ही जरूरी है कि इस बात की जांच करें कि क्लेम की स्थिति में पॉलिसी में दिए गए 'डिडक्टेबल' अमाउंट का पता कर लें। बता दें कि इंश्योरेंस कंपनी द्वारा क्लेम अमाउंट के भुगतान से पहले इंश्योर्स व्यक्ति को यह अमाउंट चुकाना होता है।
नई दिल्ली। कोई मेडिकल इमर्जेंसी या फिर सामान के खो जाने पर आपको पूरा खर्चा अपनी जेब से भरना होता है। सिर्फ फैमिली ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में ये सभी रिस्क बेहद कम कॉस्ट में कवर हो जाते हैं। अगर आप भी कहीं जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप भी जल्द ही ट्रैवल इंश्योरेंस ले लें, जिससे कि अगर आपका कोई भी सामान खो जाए या चोरी हो जाए तो आपको नुकसान न उठाना पड़े। इसलिए जरूरी है कि कुछ खास देशों में जाते समय आपके पास यह पॉलिसी हो। ये प्लान्स सिंगल ट्रिप, मल्टीपल ट्रिप या इयर-लॉन्ग ट्रैवल के तौर पर अलग-अलग वेरियंट्स में आते हैं। अगर आपने सिंगल ट्रिप का चुनाव किया है तो बेहतर होगा कि ऐसी अवधि की पॉलिसी चुनें जो ट्रिप के बाद भी बरकरार रहे। यात्रा के दौरान देरी या फिर ट्रिप के एक्सटेंड होने की स्थिति में ऐसी पॉलिसी काम आती है। किसी पॉलिसी को चुनते समय ध्यान रखें कि असल में कितना अमाउंट और कितने लोग कवर हो रहे हैं। पॉलिसी में इमर्जेंसी में अडवांस कैश जैसे फायदे भी शामिल रहते हैं। यह जरूरी है कि पहले से अगर कोई बीमारी है तो उसकी जानकारी पॉलिसी लेते समय ही दे दें। आमतौर पर पहले से मौजूद बीमारियां इस तरह की पॉलिसी में कवर नहीं होती, लेकिन कुछ जीवनघातक बीमारियां पॉलिसी में कवर हो जाती हैं। यह जरूरी है कि पहले से अगर कोई बीमारी है तो उसकी जानकारी पॉलिसी लेते समय ही दे दें। आमतौर पर पहले से मौजूद बीमारियां इस तरह की पॉलिसी में कवर नहीं होती, लेकिन कुछ जीवनघातक बीमारियां पॉलिसी में कवर हो जाती हैं। कवरेज और क्लेम लिमिट के साथ ही जरूरी है कि इस बात की जांच करें कि क्लेम की स्थिति में पॉलिसी में दिए गए 'डिडक्टेबल' अमाउंट का पता कर लें। बता दें कि इंश्योरेंस कंपनी द्वारा क्लेम अमाउंट के भुगतान से पहले इंश्योर्स व्यक्ति को यह अमाउंट चुकाना होता है।