विज्ञापनों की अपनी अलग भाषा होती है। विज्ञापन शब्दों से कम, दृश्यों से ज्यादा बोलते हैं। विज्ञापनों का एक ही काम है, लोगों को सामान के लिए जागरूक करना और उन्हें सामानों का खरीददार बना देना। विज्ञापन के इस लक्ष्य को हासिल करने में विज्ञापनों की भाषा के साथ उनकी दृश्यात्मक प्रस्तुति भी मदद करती है। जाहिर है इन विज्ञापनों से जुड़े कुछ राज भी होते हैं जिनके बारे में हमें नहीं पता चल पाता। कई बातें तो आम लोगों की नजरों में भी आ जाती हैं...लेकिन हम उनका कारण नहीं जानते। जैसे घड़ी के विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला समय। आपने अक्सर देखा होगा कि घड़ी के विज्ञापनों में 10 बजकर 10 मिनट (Why advertisement of watches and Clocks show the time 10:10) का ही वक्त दिखाया जाता है। क्या आप इसका कारण जानते हैं?
सिमिट्रिकल (Symmetrical Look) और सकारात्मक है बेहतर
विज्ञापनों में ही नहीं दुकानों में लगी घड़ियों को भी प्राय: 10 बजकर 10 मिनट पर इसलिए दिखाया जाता है क्योंकि इस वक्त पर घड़ी सिमिट्रिकल (Symmetrical Look) और सकारात्मक नजर आती है। मनोविज्ञान की दृष्टि से इस समरूपता का ध्यान रखा जाता है। इंसान को वो चीजें देखना ज्यादा पसंद होती हैं जो सिमिट्रिकल हों। 10:10 के समय सुइयां सबसे ज्यादा संतुलित और अग्रगामी नजर आती हैं। इसलिए विज्ञापनों में घड़ियों को हमेशा 10 बजकर 10 मिनट पर इसलिए दिखाया जाता है क्योंकि इस वक्त पर घड़ी सिमिट्रिकल (Symmetrical Look) नजर आती हैं।
लगता है कि घड़ी मुस्कुरा रही है
घड़ियों के विज्ञापन में 10:10 का समय दिखाने का एक कारण है स्माइली (Smiley look of clock)। जी हां, वही स्माइली जो आप फोन पर अपने दोस्तों को भेजते होंगे। 10 बजकर 10 मिनट समय को ध्यान से देखने पर लगता है कि घड़ी मुस्कुरा रही है। ऐसे में ग्राहकों को सकारात्मक संदेश जाता है और विज्ञापन पॉजिटिव लगता है।
विक्ट्री यानी जीत का साइन है V यानी 10.10
जब आप सफल होते हैं तो आप अक्सर अपने हाथों की पहली दो उंगलियों को उठाकर 'वी' अक्षर का साइन बनाते होंगे। इसे विक्ट्री यानी जीत (10:10 time looks like victory symbol) का साइन कहते हैं। घड़ी में 10:10 का वक्त इसलिए भी बनाया जाता है क्योंकि ये विक्ट्री का साइन जैसा नजर आता है।
कंपनी का लोगो और नाम दिखता है पूरी तरह से साफ-साफ
इसका एक कारण यह भी है कि 10 बजकर 10 मिनट पर दिखाने से घड़ी के बीचों-बीच लिखा गया कंपनी का लोगो और नाम पूरी तरह से साफ-साफ दिखता है। इतना ही नहीं अगर किसी विज्ञापन में घड़ी को पहने हुए दिखा गया है तो भी उसमें समय देखने के लिए हाथ की फुल स्लीव को सबसे कम उठाना होता है।
अफवाह- अब जब हमने आपको घड़ियों के विज्ञापन में 10:10 का वक्त दिखाए जाने का कारण बता दिया है तो अब आपको बताते हैं कि इससे जुड़ी भ्रांतियां क्या हैं जिसे अक्सर लोग फैलाते हैं। सबसे पहली अफवाह है अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln death time on clock ads) की मौत का वक्त। लोगों का कहना है कि इसी वक्त पर लिंकन की मौत हुई थी इसलिए घड़ियों के विज्ञापन में ये समय दिखाया जाता है। मगर सच तो ये है कि लिंकन को गोली रात के 10:15 पर लगी थी और अगली सुबह करीब 7 बजकर 22 मिनट पर उनकी मौत हुई थी।
अफवाह- दूसरी अफवाह ये भी है कि इसी वक्त पर हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम (Atom bomb dropped on Hiroshima and Nagasaki) गिराया गया था। लेकिन असल में ये बम11 बजकर 2 मिनट पर बम गिराया गया था ना कि 10:10 पर।
Swatantra Jain