विज्ञापनों की अपनी अलग भाषा होती है। विज्ञापन शब्दों से कम, दृश्यों से ज्यादा बोलते हैं। विज्ञापनों का एक ही काम है, लोगों को सामान के लिए जागरूक करना और उन्हें सामानों का खरीददार बना देना। विज्ञापन के इस लक्ष्य को हासिल करने में विज्ञापनों की भाषा के साथ उनकी दृश्यात्मक प्रस्तुति भी मदद करती है। जाहिर है इन विज्ञापनों से जुड़े कुछ राज भी होते हैं जिनके बारे में हमें नहीं पता चल पाता। कई बातें तो आम लोगों की नजरों में भी आ जाती हैं...लेकिन हम उनका कारण नहीं जानते। जैसे घड़ी के विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला समय। आपने अक्सर देखा होगा कि घड़ी के विज्ञापनों में 10 बजकर 10 मिनट (Why advertisement of watches and Clocks show the time 10:10) का ही वक्त दिखाया जाता है। क्या आप इसका कारण जानते हैं?