scriptNagaland Elections 2023: Marwari in Nagaland | नगालैंड चुनाव 2023- हर दिन हिंसा होती थी, एक एक करके दीमापुर छोड़ रहे थे समाज पर मारवाड़ी डटे रहे | Patrika News

नगालैंड चुनाव 2023- हर दिन हिंसा होती थी, एक एक करके दीमापुर छोड़ रहे थे समाज पर मारवाड़ी डटे रहे

locationकोलकाताPublished: Feb 25, 2023 05:39:34 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

नब्बे के दशक के आखिर में जब उग्रवादी गतिविधियां बढ़ गईं, यहां रहने वाले कई प्रवासी समाज के लोग दीमापुर भी छोड़ने लगे तब भी मारवाड़ी समाज डटा रहा। राष्ट्रनिर्माण के कार्य में लगा रहा।

नगालैंड चुनाव 2023- हर दिन हिंसा होती थी, एक एक करके दीमापुर छोड़ रहे थे समाज पर मारवाड़ी डटे रहे
नगालैंड चुनाव 2023- हर दिन हिंसा होती थी, एक एक करके दीमापुर छोड़ रहे थे समाज पर मारवाड़ी डटे रहे
दीमापुर से परितोष दुबे
दीमापुर रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर बसी मारवाड़ी पट्टी अपने नाम के अनुसार मारवाडि़यों की बस्ती है। यह दीमापुर में रहने वाले छह हजार मारवाडियों की पहचान है। डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी यह बस्ती राजस्थान की उद्यमशीलता और उसके उद्यमियों के साहस की कहानी भी कहती है। नागालैंड के चुनावी कवरेज में पहुंचे पत्रिका के रिपोर्टर से उद्यमी समाज से जुड़े लोगों ने अपने पीढि़यों के अनुभव साझा किए। संकट के दौर में भी समाज की ओर से दिखाए गए साहस की कहानियां बताईं। राष्ट्रनिर्माण में समाज के योगदान की चर्चा की और मौजूदा समय में किए जा रहे सेवा कार्यों की फेहरिश्त सामने रखी।
तब तो रेल भी नहीं थी
राजस्थान से हजारों किलोमीटर दूर नगालैंड के इकलौते मैदानी इलाके दीमापुर में रेलवे सौ साल पहले आई। लेकिन उससे पहले ही मारवाडि़यों का यहां पहुंचना शुरू हो गया था। दीमापुर मारवाड़ी मंच के अध्यक्ष ओमप्रकाश सेठी जैन बताते हैं कि उनसे चार पीढ़ी पहले आए पितृपुरुषों ने यहां व्यवसाय शुरू किया था। ट्रेडिंग से शुरू हुआ सिलसिला बढ़ना शुरू हुआ। आज वे सेना, सीपीडब्यूडी व अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ काम करते हैं। कहावत है जहां न पहुंचे बैलगाड़ी वहां पहुंचे मारवाड़ी को चरितार्थ करते हुए समाज के सदस्य यहां मिल जुलकर एकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। होली, दिवाली, गणगौर, तीज के अवसर पर मारवाड़ी पट्टी जयपुर से कम नहीं होती। हालांकि समाज के राजनीतिक प्रभाव या समस्याओं के मुद्दे पर सेठी चुप्पी साध लेते हैं और कहते हैं कि यहां समाज का उद्देश्य व्यवसाय और सेवा है। समाज के ही एक अन्य सदस्य ने बताया कि नब्बे के दशक के आखिर में जब उग्रवादी गतिविधियां बढ़ गईं, यहां रहने वाले कई प्रवासी समाज के लोग दीमापुर भी छोड़ने लगे तब भी मारवाड़ी समाज डटा रहा। राष्ट्रनिर्माण के कार्य में लगा रहा।
भारतमाता के सच्चे सपूत मारवाड़ी
मणिपुर भाजपा के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह शेखावत कहते हैं कि मारवाड़ी देश के सच्चे सपूत हैं। पूरे उत्तरपूर्व भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राष्ट्रवाद के प्रचार प्रसार में भी सक्रिय हैं। वहीं नगालैंड कांग्रेस के महासचिव राजेश सेठी बताते हैं कि नगालैंड का मारवाड़ी समाज हमेशा से ही सेवा कार्यों में जुटा रहा है। कठिन हालातों में भी समाज एकजुट रहा। राज्य में भाइचारे की भावना को बनाकर रखने में समाज का बड़ा योगदान है।
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