scriptNagaland Elections 2023: Congress hits BJP on secularism | Nagaland Elections 2023 - ध्रुवीकरण के प्रयास में कांग्रेस, भाजपा चौकन्नी | Patrika News

Nagaland Elections 2023 - ध्रुवीकरण के प्रयास में कांग्रेस, भाजपा चौकन्नी

locationकोलकाताPublished: Feb 23, 2023 03:23:13 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

देश के ज्यादातर हिस्सों में जहां किसी सभा के शुरू होने से पहले दीपक जलाने की परंपरा है वहीं नगालैंड में अमूमन हर बड़ी राजनीतिक सभा ईसाई धर्मगुरुओं की प्रार्थना से शुरू होती है। नगालैंड की आबादी का 90 फीसदी हिस्सा ईसाई धर्म का पालन करता है। इसीलिए बीस सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस राज्य की सत्ता में दोबारा आने के लिए जोर लगा रही भाजपा पर असहिष्णु होने का आरोप लगा रही है।

Nagaland Elections 2023 - ध्रुवीकरण के प्रयास में कांग्रेस, भाजपा चौकन्नी
Nagaland Elections 2023 - ध्रुवीकरण के प्रयास में कांग्रेस, भाजपा चौकन्नी

दीमापुर से परितोष दुबे
दीमापुर से कुछ किलोमीटर दूर दीफुपार गांव में भव्य गिरिजाघर के पास ही दिहाड़ी मजदूरों की बस्ती है। पास के ही स्कूल के मैदान में बीते मंगलवार को कांग्रेस की सभा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आने वाले थे। मैदान में ही बस्ती के बच्चे पार्टी के झंडों की लडि़यों से खेल रहे थे। थोड़ी देर में सभा शुरू हुई । सभा की शुरुआत चर्च के धर्म गुरु की प्रार्थना से हुई। जिन्होंने स्थानीय भाषा में लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की बात कही। सोमवार की शाम को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह सैकड़ों किलोमीटर दूर मोन जिले में आयोजित सभा को संबोधित करने आए जहां सभा की शुरुआत में चर्च के धर्मगुरू ने प्रार्थना की। इन दोनों प्रसंगों का उल्लेख यह बताने के लिए किया गया है कि डेमोग्राफी से राजनीतिक परंपराएं बदलती हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में जहां किसी सभा के शुरू होने से पहले दीपक जलाने की परंपरा है वहीं नगालैंड में अमूमन हर बड़ी राजनीतिक सभा ईसाई धर्मगुरुओं की प्रार्थना से शुरू होती है। नगालैंड की आबादी का 90 फीसदी हिस्सा ईसाई धर्म का पालन करता है। इसीलिए बीस सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस राज्य की सत्ता में दोबारा आने के लिए जोर लगा रही भाजपा पर असहिष्णु होने का आरोप लगाती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के थेरा देश में ईसाईयों पर अत्याचार के मामलों की फेहरिश्त सामने रखते हैं। वहीं नगा छात्रों, विद्वानों की सभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर भाजपा पर एक देश, एक भाषा, एक संस्कृति, एक धर्म, एक पहनावे के सिद्धांत पर भरोषा करने का आरोप लगाते हैं। भाजपा के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हैं। नगालैंड के चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण के इन प्रयासों की निंदा करते हुए भाजपा नेता व राज्य सरकार के मंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष टेम्जेन इम्ना इलांग कहते हैं कांग्रेस के पास कोई भी चुनावी एजेंडा नहीं है। देश और प्रदेश के विकास की गति प्रगति देखकर उसके पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई है। इसलिए कांग्रेस के नेता धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए साम्प्रदायिक एजेंडा लागू कर रहे हैं। उन्हें नगालैंड की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।
धार्मिक उक्तियों के साथ भारत माता की जय ठीक नहीं
इधर, नगालैंड क्रिश्चयन रिवाइवल चर्च के महासचिव रेव. काइजेख चाइसी ने पवित्र धार्मिक उक्तियों के चुनावी प्रचार में उपयोग किए जाने की निंदा की है। चाइसी कहते हैं कि प्रेज द लार्ड व अन्य धार्मिक उक्तियों की भारत माता की जय के साथ उद्घोषणा धर्मसम्मत नहीं है। ईसाई धर्मावलंबियों के लिए मातृभूमि ईश्वर का दिया गया गिफ्ट है। वह देवी के रूप में पूजनीय नहीं है।
रोज दिहाड़ी का ही काम मिल जाता तो ठीक रहता
धार्मिक ध्रुवीकरण, नागा एकार्ड जैसे मुद्दों से अनिभिज्ञ दिहाड़ी मजदूर ग्याम चाउसी कहता है कि राज्य में रोजगार की कमी है। रोज दिहाड़ी का काम भी नहीं मिलता। दीपुफार गांव के मैदान में आयोजित सभा सुनने के लिए आया ग्याम ने यह भी बताता है कि उसकी बस्ती में मतदान के लिए एक राजनीतिक दल ने पैसा बंटा है। लेकिन हर दिन काम मिलता तो अच्छा होता।
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