दीमापुर हो या कोहिमा, मोन हो या घासपानी नगालैंड में कहीं भी व्यापार करने के लिए एक नहीं दो नहीं 14-17 यूजी या पार्टियों को रंगदारी देनी पड़ती है। कौन हैं ये यूजी या पार्टियां कौन हैं इसके प्रधान जिनपर कार्रवाई का वायदा पीएम नरेन्द्र मोदी को भी नगालैंड आकर करना पड़ता है।
नब्बे के दशक के आखिर में जब उग्रवादी गतिविधियां बढ़ गईं, यहां रहने वाले कई प्रवासी समाज के लोग दीमापुर भी छोड़ने लगे तब भी मारवाड़ी समाज डटा रहा। राष्ट्रनिर्माण के कार्य में लगा रहा।
कोहिमा की सर्द वादियां हो या दीमापुर की चहल पहल नगालैंड की चुनावी पटकथा तीन सी और दो एम तय कर रहे हैं। दिहाड़ी मजदूरों से लेकर बुद्धजीवी, राजनीतिक दलों से लेकर उनके नेता- समर्थक, चुनाव के प्रबंधकों से लेकर स्टार प्रचारक इन्हीं सी और एम के इर्दगिर्द अपनी बातें कह रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नगालैंड के चुमुकदीमा में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में शुक्रवार को आयोजित जनसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। मोदी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही पूर्वोत्तर राज्यों को एटीएम समझती रही। सरकार का पैसा नेताओं की जेब में जाता रहा।
भाजपा के नगालैंड प्रदेश अध्यक्ष व अलोंगटकी विधानसभा से पार्टी के प्रत्याशी तेमजेन इम्ना अलॉन्ग को वोट देने की मनाही का फरमान जारी करने वाले एनएससीएन-जीआरपीएन के नेता लनुवती जमीर को असम राइफल्स की टीम ने बुधवार रात गिरफ्तार करने के बाद नगालैंड पुलिस को सौंप दिया।
नगालैंड और मेघालय विधानसभा की साठ-साठ विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों के दौरे पर रहेंगे। उनके दौरे से पहले नगा विद्रोही संगठन के बयान ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
देश के ज्यादातर हिस्सों में जहां किसी सभा के शुरू होने से पहले दीपक जलाने की परंपरा है वहीं नगालैंड में अमूमन हर बड़ी राजनीतिक सभा ईसाई धर्मगुरुओं की प्रार्थना से शुरू होती है। नगालैंड की आबादी का 90 फीसदी हिस्सा ईसाई धर्म का पालन करता है। इसीलिए बीस सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस राज्य की सत्ता में दोबारा आने के लिए जोर लगा रही भाजपा पर असहिष्णु होने का आरोप लगा रही है।
Gujarat Election Result 2022: गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने नया कीर्तिमान रचते हुए अभी तक सबसे बड़ी जीत हासिल कर ली है। बीजेपी की प्रचंड जीत और कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद अब नतीजे पर विश्लेषण हो रहे हैं। इस जीत-हार के कारण और मायने निकाले जा रहे है। विश्लेषण की इस कड़ी में यह जानना मौजू है कि गुजरात की रिकॉर्ड जीत में ब्रांड मोदी का क्या असर रहा?
Assembly Elections Result 2022: गुजरात में BJP ने बड़ी जीत हासिल की है वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश मिला है। दूसरी ओर उपचुनाव के नतीजे मिले-जुले आए हैं। इसके साथ ही आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है। आइए विस्तार से जनाते हैं कहां किसके पक्ष में रहे नतीजे।
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस बार ऐतिहासिक जीत मिली है। गुजरात की ऐसी कई सीटें हैं जिनपर पहले बीजेपी ने कभी नहीं जीती। इस बार सारे समीकरण पलटते हुए बीजेपी ने आदिवासी बहुल सीटों पर कामयाबी मिली है।