बांसवाड़ा. जिले में कुछ अफसरों की भूख इस कदर है कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में घूसखोरी की आदत के आगे दिव्यांगों को भी नहीं बख्श रहे। इसकी बानगी शुक्रवार को राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) में सामने आई, जिसके कलक्टरी परिसर स्थित परियोजना प्रबंधक, कार्यालय में 3 हजार रुपए रिश्वत लेते सहायक सांख्यिकी अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह राशि किराणा दुकान के लिए किए लोन की दूसरी किस्त जारी करने के एवज में ली गई थी।ब्यूरो के कार्यवाहक महानिदेशक, अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि ब्यूरो की बांसवाड़ा इकाई को एक दिव्यांग ने शिकायत की कि ओबीसी वर्ग (दिव्यांग कोटे) से उसने किराणा स्टोर के लिए लोन का आवेदन किया था। 50 हजार रुपए के स्वीकृतशुदा लोन की एक किस्त 30 हजार रुपए मिल गई, जबकि दूसरी किस्त अटका दी गई इसे लेकर संपर्क पर अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक कार्यालय के सहायक सांख्यिकी दीपक पुत्र लालसिंह डिंडोर ने पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी और लगातार परेशान कर रहा है। इस पर ब्यूरो उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेंद्रप्रसाद गोयल के पर्यवेक्षण में बांसवाड़ा इकाई के एएसपी माधोसिंह के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया। इस दौरान आरोपी डिंडोर ने दो हजार रुपए राशि ले ली, इससे मामले की पुष्टि हो गई। इसके बाद शुक्रवार को दोपहर में एएसपी सिंह के नेतृत्व में टीम ने कलक्टरी के पीछे निगम के कार्यालय में घेराबंदी की। फिर परिवादी को रंग लगे तीन हजार रुपए के नोट देकर डिंडोर के पास भेजा। दीपक ने जैसे ही रिश्वत राशि ली, संकेत पर उसे गिरफ्तार कर नकदी बरामद कर ली गई। बाद में हाथ धुलवाने पर रंग निकल आया तो मौका कार्रवाई के बाद उसे एसीबी कार्यालय ले जाया गया। मामले में एसीबी की कार्रवाई शाम तक जारी रही। इस दौरान अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक का अतिरिक्त दायित्व संभाल रहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक हेमांगी निनामा भी मौजूद थीं।
बांसवाड़ा. जिले में कुछ अफसरों की भूख इस कदर है कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में घूसखोरी की आदत के आगे दिव्यांगों को भी नहीं बख्श रहे। इसकी बानगी शुक्रवार को राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) में सामने आई, जिसके कलक्टरी परिसर स्थित परियोजना प्रबंधक, कार्यालय में 3 हजार रुपए रिश्वत लेते सहायक सांख्यिकी अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह राशि किराणा दुकान के लिए किए लोन की दूसरी किस्त जारी करने के एवज में ली गई थी।ब्यूरो के कार्यवाहक महानिदेशक, अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि ब्यूरो की बांसवाड़ा इकाई को एक दिव्यांग ने शिकायत की कि ओबीसी वर्ग (दिव्यांग कोटे) से उसने किराणा स्टोर के लिए लोन का आवेदन किया था। 50 हजार रुपए के स्वीकृतशुदा लोन की एक किस्त 30 हजार रुपए मिल गई, जबकि दूसरी किस्त अटका दी गई इसे लेकर संपर्क पर अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक कार्यालय के सहायक सांख्यिकी दीपक पुत्र लालसिंह डिंडोर ने पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी और लगातार परेशान कर रहा है। इस पर ब्यूरो उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेंद्रप्रसाद गोयल के पर्यवेक्षण में बांसवाड़ा इकाई के एएसपी माधोसिंह के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया। इस दौरान आरोपी डिंडोर ने दो हजार रुपए राशि ले ली, इससे मामले की पुष्टि हो गई। इसके बाद शुक्रवार को दोपहर में एएसपी सिंह के नेतृत्व में टीम ने कलक्टरी के पीछे निगम के कार्यालय में घेराबंदी की। फिर परिवादी को रंग लगे तीन हजार रुपए के नोट देकर डिंडोर के पास भेजा। दीपक ने जैसे ही रिश्वत राशि ली, संकेत पर उसे गिरफ्तार कर नकदी बरामद कर ली गई। बाद में हाथ धुलवाने पर रंग निकल आया तो मौका कार्रवाई के बाद उसे एसीबी कार्यालय ले जाया गया। मामले में एसीबी की कार्रवाई शाम तक जारी रही। इस दौरान अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक का अतिरिक्त दायित्व संभाल रहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक हेमांगी निनामा भी मौजूद थीं।